parimey sankhya kise kahate hain?

 parimey sankhya kise kahate hain?|(परिमेय संख्या किसे कहते है?)

दोस्तो, गणित के विषय में बहुत सारी संख्या का उल्लेख किया गया है जैसे की परिमेय संख्या, पूर्णाक संख्या, अपूर्णाक संख्या आदि बहुत सारी संख्या। 
आज हम परिमेय संख्या के विषय में सारी जानकारी देंगे। 

परिमेय संख्या किसे कहते है?

कोई भी संख्या p/q के स्वरुप में है तो इन सभी संख्या को परिमेय संख्या कहा जाता है। यहां p को अंश (numerator) कहा जाता है और q को हल(denominator) कहा जाता है। 

parimey sankhya kise kahate hai
parimey sankhya

Note: कोई भी परिमेय संख्या में “q” का मूल्य “0” नही होना चाहिए वरना उसको परिमेय संख्या नही माना जायेगा। 
परिमेय संख्या के उदाहरण:–
3/4
8/9
1111/6539
12/33
50/40
856/241
परिमेय संख्या कितनी भी बड़ी हो सकती है। 
3/4 में 3 को अंश और 4 को हल कहा जाता है। 
856/241 में 856 को अंश और 241 को हल कहा जाता है। 
सभी प्राकृतिक संख्या को भी परिमेय संख्या कहा जाता है। 2,8,9, (–7) सभी परिमेय संख्या है। 

धनात्मक परिमेय संख्या

जिस संख्या का p/q वाला स्वरूप का मूल्य शून्य से ज्यादा हो उन सभी को धनात्मक परिमेय संख्या कहा जाता है। 
जैसे की:– 11/29, 27/90 और 3/5 आदि…

ऋणात्मक परिमेय संख्या

जिस संख्या का p/q वाला स्वरूप का मूल्य शून्य से कम और Negative हो उन सभी को ऋणात्मक परिमेय संख्या कहा जाता है। 
जैसे की:– (–11/20), (–55/57) आदि…

समतुल्य परिमेय संख्या

यहां नाम से ही पता चलता है की जिन परिमेय संख्या का मूल्य समान है उनको समतुल्य परिमेय संख्या कहा जाता है। 
समतुल्य परिमेय संख्या धनात्मक या ऋणात्मक भी हो सकती है। 
20/30 यह एक धनात्मक परिमेय संख्या है अब हम इसका समतुल्य परिमेय संख्या खोजते है। 
20/30
=10*2/10*3
=2/3 
यहां 20/30 की समतुल्य परिमेय संख्या 2/3 है। 
Note: सबसे छोटी संख्या को हो समतुल्य संख्या कहा जाता है। 
अब 30/16 इसका समतुल्य खोजते है। 
30/16
=15*2/8*2
=15/8 
अब 15/8 के यहां से छोटी संख्या नही बना सकते इसीलिए 30/16 की समतुल्य संख्या 15/8 है। 

परिमेय संख्या का मानक रूप

दोस्तो, मानक रूप और समतुल्य रूप में बहुत ज्यादा फरक नही है। 

जिन परिमेय संख्या का मूल्य समान हो उनको एक–दूसरे के मानक रूप कहा जाता है।

Note: किसी भी परिमेय संख्या का मानक रूप उस संख्या का समतुल्य रूप हो सकता है लेकिन किसी परिमेय संख्या का समतुल्य रूप उस संख्या का मानक रूप हो ऐसा जरूरी नहीं। 
जैसे की:–
अगर हम 4/6 का मानक रूप निकले तो 2/3 होगा क्योंकि इन दोनो का मूल्य समान है। 
अब हम 12/16 के मानक रूप निकालते है। 
12/16
= 6*2/8*2
= 6/8
यहां 6/8 का मूल्य और 12/16 का मूल्य समान है इसीलिए यह एक दूसरे के मानक रूप है। लेकिन समतुल्य रूप नही है।  
अब 6/8
= 2*3/4*2
= 3/4
यहां 3/4 भी 12/16 का मानक रूप है और समतुल्य रूप भी है। 

दो परिमेय के बीच की परिमेय संख्या

दो परिमेय संख्या के बीच हम जितनी चाहे उतनी परिमेय संख्या बना सकते है लेकिन इसके लिए कुछ नियम है। 
अगर हमे सामान्य संख्या में पूछा जाय के 6 और 18 के बीच की संख्या क्या है तो हम तुरंत बता देंगे की 7,8,9,10…17. लेकिन परिमेय संख्या में तुरंत बता नही सकते। 
उदाहरण:–
 (1). 3/5 और 1/3 के बीच की परिमेय संख्या निकलने के लिए…
यहां 3/5 और 1/3 दोनो के हल का मूल्य अगर समान नहीं है तो उसको समान करना पड़ता है। 
जैसे की अगर 3/5 को हम 3 से गुणा करदे तो हमे 9/15 मिलेगा। और 1/3 को अगर 5 से गुणा करे तो हमे 5/15 मिलेगा। 
अब आप देख सकते है की दोनो संख्या के हल का मूल्य समान हो गया है। 
अब हम 9/15 और 5/15 के बीच की परिमेय संख्या आसानी से निकाल सकते है। (8/15), (7/15), (6/15) ऐसे तीन परिमेय संख्या मिलती है। 
यहां हमने 3/5 और 1/3 के बीच की तीन परिमेय संख्या निकली अगर ज्यादा संख्या निकालना हो तो हल को बड़े नंबर से गुणा करके निकल सकते है। 
परिमेय संख्या का जमा,घाटा,गुना और भाग 
जैसे सामान्य संख्या में हम जैसे गुना, भाग, जमा और घाटा करते है वैसे ही परिमेय संख्या में कर सकते है लेकिन इसका तरीका काफी अलग है। 

परिमेय संख्या का “जमा(+) 
किसी भी परिमेय संख्या का जमा करना हो तो जितनी संख्या दी गई है उन सभी के हल को समान करना होता है। 
जैसे की :– 3/5 और 6/2 का जमा(+) करे
अब इन दोनो संख्या का हल को समान करने के लिए पहली संख्या को “2” और दूसरी संख्या को “5” से गुणा करेंगे। 
3*2/5*2 = 6/10 और 6*5/2*5 = 30/10 
अब हम 6/10 और 30/10 का जमा आसानी से कर सकते है। 
6/10 + 30/10
= 30+6/10
=36/10
=18*2/5*2
=18/5
यानी 3/5 और 6/2 का जमा 18/5 होगा। 
परिमेय संख्या का “घटा (-) 
परिमेय संख्या का घटा करने का तरीका जमा(+) के तरीके जैसा ही है। 
उदाहरण:– 4/7 और 1/4 का घटा करने के लिए दोनो का हल को समान करना होगा। 
हल समान करने के लिए 4/7 को हम 4 से गुणा और 1/4 को हम 7 से गुणा करेंगे तो 16/28 और 7/28 होगा। 
अब 16/28 में से 7/28 को घटा करते है। 
(16/28) – (7/28)
=16-7/28
=9/28
यानी 4/7 में से 1/4 को घटा करने से 9/28 होगा। 
परिमेय संख्या का गुना(*) और भाग
मानलो हमे 4/5 और 6/9 का गुना और भाग कारण है। 
4/5 और 6/9 का गुना करने के लिए
(4/5)*(6/9)
=6*4/5*9
=24/45
4/5 और 6/9 का गुना करने से 24/45 उत्तर आयेगा। 
अब हम 4/5 और 6/9 का भाग करते है। 
Note: किसी भी परिमेय संख्या का भाग करते समय जो दूसरी संख्या का हल है वह अंश और अंश है वो हल बन जाता है और दोनो संख्या का गुना हो जाता है। 
(4/5) / (6/9)
=4/5 * 9/6
=4*9/5*6
=54/30
=9/5
यानी 4/5 को 6/9 से भाग करने से 9/5 उतर आता है।
यह पोस्ट पढ़ने के लिए आपका ” बहुत बहुत धन्यवाद”

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