Vyakaran Kise Kahate Hain? परिभाषा,भेद एवं उदाहरण

Vyakaran Kise Kahate Hain? परिभाषा,भेद एवं उदाहरण

Vyakaran Kise Kahate Hain: परिभाषा,भेद एवं उदाहरण

Vyakaran Kise Kahate Hain
Vyakaran Kise Kahate Hain

दोस्तो, आप vyakaran kise kahate hai यह जानने के पहले आप व्याकरण की क्या आवश्यकता है उसके बारेमे जाने।

Vyakaran किसी भी भाषा को ठीक से लिखना और समझना सिखाया है।

आप चाहे जो भी भासा सीखे उस भाषा को बोलना आसान होता है। लेकिन उसको सही ढंग से लिखना बेहद मिस्किल होता है। इसमें हमे कई सारी बातों का ध्यान रखना होता है।

दोस्तो, आप इस post को पूरा पढ़िए में यकीन दिलाता हूं कि इसके पढ़ने के बाद आपको व्याकरण के प्रशन में कभी भूल नहीं होगी।

आज हम Vyakaran kise kahte hain और व्याकरण के भेद के बारेमे अच्छे से समझेंगे।

Vyakaran kise kahate hain(व्याकरण किसे कहते है)

व्याकरण की परिभाषा:–

“जिन नियमो के अंतर्गत हम किसी भी भाषा(हिंदी, अंग्रेजी आदि) को शुद्ध रूप या कहे तो अच्छे से लिखना और बोलना या समझना सिखाते है उसको व्याकरण कहते है।”

बिना व्याकरण के हम किसी भी भाषा को बोल सकते है लेकिन उसको सही ढंग से लिख नहीं सकते।

जैसे:– दिनेश स्कूल में पढ़ती है और उनके साथ उनकी बहन भी पढ़ता है।

अब आप इस वाक्य को ध्यान से देखिए। वाक्य में कुछ भूल है।

यहां दिनेश एक लड़का है इसीलिए उसमे पढ़ती की जगह पे पढ़ता आता है और उनकी बहन एक लड़की है इसीलिए पढ़ता की जगह पढ़ती आता है।

यहां हम दिनेश एक लड़का और उनकी बहन एक लड़की है और उनके लिए किसका उपयोग होता है यह सब व्याकरण से ही जान सकते है।

सही वाक्य: दिनेश स्कूल में पढ़ता है और उनके साथ उनकी बहन भी पढ़ती है।

  • व्याकरण हमे किसी भी भाषा को नियमित और अच्छा रखना सिखाता है।
  • व्याकरण भासा को शुद्ध बनाता है।
  • व्याकरण से आप बड़ी से बड़ी बात को कम शब्दों में कर सकते है।
  • व्याकरण से किसी भी भाषा की लिखावट को बेहतर ढंग से समझ और याद रख सकते है।

आसा करता हु की आपको vyakaran kise kahate hain यह अच्छे से पता चल गया होगा। अब हम व्याकरण के अंग के बारेमे चर्चा करेंगे।

Vyakaran ke ang(व्याकरण के अंग)

दोस्तो, जब हम पहली कक्षा में होते है तब सबसे पहले हमे क, ख,ज,ग, घ… से सीखते है उसके बाद हम शब्द सीखते है और फिर वाक्य।व्याकरण के भेद भी कुछ इस प्रकार से ही बनाए गई है।

व्याकरण के चार भेद होते है। लेकिन आपको कही जगह पे तीन भेद भी दिए जाते है यहां दोनो सही है।

  1. वर्ण–विचार
  2. शब्द–विचार
  3. पद–विचार
  4. वाक्य–विचार

अब हम यह चार भेद को बड़े विस्तार से समझने का प्रयास करते है।

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1. वर्ण–विचार

वर्ण–विचार की परिभाषा…

भाषा की सबसे छोटी मौखिक इकाई ध्वनि के लिखित स्वरूप को वर्ण कहते है और इसको वर्ण–विचार कहते है।

यहां सबसे छोटी इकाई कहा गया है इसका मतलब क, ख, ग, आदि को वर्ण कहते है।

दोस्तो यहां दी गई बात को ध्यान से समझे रट्टा लगाने की जरूरत नहीं है…

जब में बोलूं “क” तो उसको वर्ण का मौखिक रूप हुआ उसको ध्वनि कहते है और जब में इसको लिखता हु तो यह वर्ण–विचार में परिवर्तित हो जाता है।

वर्ण–विचार में बार–बार पूछे जाने वाले प्रश्न

(1) भाषा की सबसे छोटी मौखिक इकाई?

उत्तर: ध्वनि

(2) भाषा की सबसे छोटी लेखक इकाई?

उत्तर: वर्ण

(3) भाषा की सबसे छोटी इकाई/अंग?

उत्तर: वर्ण

(4) भाषा की अर्थ के आधार पर छोटी इकाई?

उत्तर: शब्द

(5) भाषा की भाव/भावार्थ के आधार पर सबसे छोटी इकाई?

उत्तर: वाक्य

आसा करता हु आप वर्ण–विचार को अच्छे से समझ गई है।अब हम शब्द–विचार के बारेमे जानेंगे।

2. शब्द–विचार

शब्द–विचार की परिभाषा:–

“दो या दो से अधिक वर्णों के सार्थक योग को शब्द कहा जाता है इन शब्द का लेखन के रूप में, उच्चारण के रूप मे या एक प्रयोग के रूप मे अध्ययन करते है उसको शब्द–विचार कहते है।”

जैसे की:– दो वर्ण “क” और “म” का योग किया जाए तो “कम” बनेगा और इसको शब्द कहते है।

शब्द–विचार के भेद

  • अर्थ के आधार पर
  • उत्पति के आधार पर
  • रचना के आधार पर
  • प्रयोग के आधार पर

यहां ऊपर शब्द–विचार के मुख्य भेद दिए है अब इसके अंदर भी कुछ भेद है जैसे कि:–

(a) अर्थ के आधार पर

अर्थ के आधार पर शब्द– विचार के दो भेद होते है।

  • सार्थक
  • निरर्थक

सार्थक:

“जिन शब्द का कुछ अर्थ होता है उसको सार्थक शब्द कहते है।”

जैसे की:– मटका,बारिश,भूमि,भाषा,मोबाइल आदि (जिन शब्द के मतलब होते है वो सभी)

निरर्थक:

” जिन शब्द का कोई अर्थ नहीं होता यानी अर्थ विहीन होते है उनको निरर्थक शब्द कहते है।”

जैसे कि:– रिठको, यतिभू,लुमोलुगो, आदि(जिनका कोई अर्थ नहीं होता वह सभी)

(b) उत्पति के आधार पर

उत्पति के आधार पर शब्द के पांच भाग होते है।

  • तत्सम
  • तदभव
  • देशज
  • विदेशी
  • शंकर

(C) रचना के आधार पर

रचना के आधार पर शब्द के तीन भेद होते है।

  • रूढ
  • यौगिक
  • योगरूढ़

(d) प्रयोग के आधार पर

प्रयोग के आधार पर शब्द के दो भेद होते है।

  • विकारी शब्द
  • अधिकारी शब्द

3.वाक्य विचार

परिभाषा:

  • व्याकरण के सबसे बड़ी इकाई को वाक्य कहते है और उसका किसी रूप में अध्ययन करते है तो उसे वाक्य विचार कहते है।
  • भाव/भावार्थ के आधार पर भाषा की सबसे छोटी इकाई को वाक्य विचार कहते है।

दोस्तो भाषा के अंतरर्गत ही हम हमारी बात वाक्य के माध्यम से पहुंचा सकते है।

वाक्य भाषा व्यवहार की लघुतम इकाई भी कहते है।

दोस्तो, शब्द या पद के समूह बनाए जाए तो सभी को हम वाक्य नही कह सकते इसके लिए वाक्य में पांच प्रकार के तत्व होने चाहिए।

  • पदक्रम
  • अन्विति
  • आकांक्षा
  • योग्यता
  • निकटता

यह पांच तत्व अगर वाक्य में होंगे तोही उसको सही वाक्य माना जायेगा।

4.पद–विचार

परिभाषा:–

“वाक्य में प्रयुक्त होने वाले शब्द को अगर कोई पद(जैसे कि:– कर्ता,कर्म आदि…) मिलता है तो उसको पद–विचार कहते है।”

उदाहरण:–

(1) राजू ने खाना खाया।

दोस्तो यहां “राजू”,”खाना” और “खाया” यह सभी एक प्रकार के शब्द है और यहां सभी शब्दो के उपयोग से वाक्य की रचना की गई है।

अब यहां “राजू” को क्रिया कर रहा है इसीलिए उसको “कर्ता” की पद दिया है।

(2) मोदीजी ने उदघाटन किया।

यहां पे “मोदी” नाम है और उसके द्वारा “उदघाटन” का कार्य हो रहा है। यहां”मोदी” को “कर्ता” की पद मिला है।

दोस्तो, आसा करता हु की आपको vyakaran kise kahate hai उनके विषय में सारी जानकारी प्राप्त हो गई होगी।

आपको अगर कोई सुझाव या प्रश्न है तो उसको comment के द्वारा रजू कर सकते है। धन्यवाद।।